हिंदी के युवा कथाकारों में अनघ शर्मा का अपना मुहावरा है, अपना कथालोक है, जिसके रेशों को वे बहुत बारीकी से बुनते हैं। अपनी कहानियों में जितने प्रयोग वे करते हैं उतने शायद ही कोई और करता हो। यह उनकी नई कहानी है- मॉडरेटर =================== सुनिए द्वारिकाधीश! ये शोक है… …
Read More »साढ़े तीन कविता, सीपियों वाला पेंसिल बॉक्स और पीले पेपर के डिज़ाइन
हिंदी में किशोरों के जीवन, उनकी शिक्षा, उससे जुड़े तनावों को लेकर कम कहानी लिखी गई है. प्रबुद्ध जैन की यह कहानी उसी तरह की है- मॉडरेटर =============================== बात साल 2007 की है। अंशुल फ़िफ़्थ में रहा होगा। मां–बाप यानी किशोर और नम्रता बेटे का हाथ थामे ‘तारे ज़मीं पर‘ …
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