हाल के दिनों में जिस कवयित्री की कविताएँ पढ़कर यह आश्वस्ति मिलती है कि हिंदी में मेटाफिजिकल कविताएँ लिखना अभी भी संभव है वह श्री श्री(पूनम अरोड़ा) हैं. बेतरतीब वर्णनों वाली कविताओं की अंधाधुंध बारिश के बीच उनकी कविताएँ सुकून देती हैं. हालाँकि यह मेरा अपना मत है. इस रविवार …
Read More »चेखव की कहानी ‘मामूली मजाक’ श्री श्री की आवाज में
‘आधुनिक कहानियों के जनक’ कहे जाने वाले चेखव अपने ‘ ‘इम्प्रेशनिस्ट स्टाइल’ के लिए जाने जाते हैं। इसीलिए पाठक शीघ्र ही उनके कहानियों से संबंध स्थापित कर लेते हैं। उन्हें पढ़ते हुए इस तरह तल्लीन हो जाते हैं कि पाठक कहानी की ‘सेटिंग’ का हिस्सा हो जाते हैं। उनकी कहानियाँ …
Read More »पुरातन शोक का अविस्मरणीय संगीत
25 अक्टूबर को निर्मल वर्मा की पुण्यतिथि है. इस अवसर पर हम समय समय पर कुछ सामग्री देते रहेंगे. आज उनकी रचनाओं के जादू, उसके प्रभाव को लेकर सुश्री श्री श्री का लेख ========================================== निर्मल वर्मा, हिंदी साहित्य का एक ऐसा नाम जिन्होंने कला और कथ्य में शायद ही कोई …
Read More »दक्षिण कोरियाई फ़िल्म निर्देशक किम की-डुक की पंचतत्वीय अक्षुण्ण गाथा
कुछ दिन पहले हम ने श्री श्री की कविताएं पढ़ी थीं. आज उन्होंने प्रसिद्ध कोरियन फिल्म निर्देशक किम की डुक की पांच फिल्मों का सूक्ष्म विश्लेषण किया है. पढियेगा- मॉडरेटर ==================================================== सिनेमाई सौंदर्य को कठोर धरातल पर एक महीन दार्शनिक विद्वता के साथ समानांतर ले चलते हुए उस बोध पर …
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