अनुकृति उपाध्याय मुंबई में एक अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थान में काम करती हैं, नई जीवन स्थितियों को लेकर ख़ूबसूरत कहानियां लिखती हैं. सिंगापुर डायरी की यह उनकी तीसरी और आखिरी क़िस्त है. कितनी अजीब बात है एक ही शहर को अलग-अलग लेखकों की आँखों से देखने पर शहर अलग-अलग लगने लगता …
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