माताहारी का नाम हम सुनते आए हैं। उसकी संक्षिप्त कहानी लिखी है त्रिलोकनाथ पांडेय ने। त्रिलोकनाथ जी जासूसी महकमे के आला अधिकारी रह चुके हैं। अच्छे लेखक हैं। आइए उनके लिखे में माताहारी की कहानी पढ़ते हैं- ================== साल 1917 की बात है. अक्टूबर महीने की 15वीं तारीख की अल-सुबह …
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