कल दिनांक 12 सितम्बर को इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘सभा’ का आयोजन हुआ जिसमें ‘हिंदी को फ़र्क़ पड़ता है’ विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। ‘सभा’ राजकमल प्रकाशन समूह और इंडिया हैबिटेट सेंटर की साझा पहल के तहत विचार-बैठकी की मासिक शृंखला है। इसके तहत हर महीने साहित्य, संस्कृति, …
Read More »स्त्रीवाद और आलोचना का संबंध
स्त्री विमर्श पर युवा लेखिका सुजाता की एक ज़रूरी किताब आई है ‘आलोचना का स्त्री पक्ष’। इस किताब की समीक्षा लिखी है दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के विद्यार्थी महेश कुमार ने। पुस्तक का प्रकाशन राजकमल प्रकाशन ने किया है- =================================== ‘आलोचना का स्त्री पक्ष’ सुजाता जी द्वारा लिखित हिंदी आलोचना …
Read More »औपन्यासिक कल्पना और यथार्थ: सुजाता
समकालीन लेखिकाओं में सुजाता जाना पहचाना नाम है। पिछले साल उनका एक उपन्यास भी प्रकाशित हुआ था ‘एक बटा दो’। उनका यह लेख औपन्यासिक कल्पना और यथार्थ पर है, जिसे उन्होंने नेमिचंद जैन जन्मशती पर साहित्य अकादेमी में आयोजित कार्यक्रम में पढ़ा था। सरस शैली में लिखा गया एक गम्भीर …
Read More »सुजाता के उपन्यास के ‘एक बटा दो’ का अंश-इन जॉयफुल हॉप ऑफ रेजरेक्शन
युवा लेखिका सुजाता का उपन्यास ‘एक बटा दो’ राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है। स्त्री जीवन को लेकर लिखा गया यह उपन्यास अपने कथानक और भाषा दोनों में अलग है। इस अंश को पढ़िए और बताइएगा- मॉडरेटर ========================= इन जॉयफुल हॉप ऑफ रेजरेक्शन कभी जिस एकांत की ख़ूब कामना …
Read More »सुजाता का उपन्यास ‘एक बटा दो’ अनामिका की भूमिका ‘न आधा न पूरा’
अभी हाल में ही संपन्न हुए विश्व पुस्तक मेले में युवा लेखिका सुजाता का उपन्यास ‘एक बटा दो’ राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है, जिसकी भूमिका प्रसिद्ध लेखिका अनामिका ने लिखा है. भूमिका साभार प्रस्तुत है- मॉडरेटर ====================== न आधा न पूरा * अनामिका जेन ऑस्टिन और जॉर्ज एलियेट के …
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