आजकल कोरोना को लेकर गीत लिखे जा रहे हैं, दीये जलाए जा रहे हैं। युवा लेखक और इलाहाबाद में प्राध्यापक सुजीत कुमार सिंह ने अपने इस लेख में 1893 में लखनऊ के मुंशी नवल किशोर प्रेस से प्रकाशित ‘महारामायण को याद कर रहे हैं, जिसमें महिलाएँ गीत गा गाकर हैज़ा …
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