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Tag Archives: sumitranandan pant

घने लहरे रेशम के बाल धरा है सिर पर मैंने देवि तुम्हारा यह स्वर्गिक उपहार

आज महान छायवादी कवि सुमित्रानंदन पन्त का जन्मदिन है. उनको याद करते हुए महादेवी वर्मा का यह लेख जो उन्होंने सुमित्रानंदन पन्त पर लिखा था- मॉडरेटर ======================= सुभद्रा जी के उपरान्त मेरे दूसरे परिचित कविबन्धु सुमित्रानन्दन जी ही हैं; परन्तु उनसे परिचय की कथा इतनी विचित्र है कि उसके स्मरण-मात्र …

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