भाषा, जिसमें हम हर वक्त जीते हैं। एक बात जो बहुत ज़्यादा महसूस होती है कि भाषा के बारे में शुरुआती स्तर पर हर कोई यही कहते आए हैं कि ‘भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है’ लेकिन क्या यह बस इतना ही है? क्या ऐसा नहीं कि भाषा जितनी अभिव्यक्ति का …
Read More »सूर्यनाथ सिंह की कहानी ‘जो है सो’
सूर्यनाथ सिंह जनसत्ता के संजीदा पत्रकार ही नहीं हैं, बेहतर किस्सागो भी हैं. उनकी कहानियों में वह दुखा-रुखा गाँव अपनी पूरी जीवन्तता के साथ मौजूद रहता है जो अब भी विकास के वादों के सहारे ही जी रहा है, जो धीरे-धीरे हिंदी कहानी से गायब होता जा रहा है. फिलहाल …
Read More »