आज पढ़िए उर्दू के कथाकार तारिक़ छतारी की कहानी ‘बंदूक़’, जिसका हिंदी रूपांतरण किया है हिंदी लेखक पंकज पराशर ने- ==================== शेख़ सलीमुद्दीन रात में पढ़ी जाने वाली इशा की नमाज़ के बाद हवेली में बैठे हुए हुक़्क़ा पी रहे थे। उनका बेटा ग़ुलाम हैदर मोढ़ा खींचकर उनके पास …
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