कृष्णनाथ की प्रसिद्ध पुस्तक ‘पृथ्वी परिक्रमा’ की यह कविता समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- =============== 1. पश्चिमी हवा है और यात्रा भी पर ध्येय तो पूरबी है और जिज्ञासा भी सहज निसर्ग आनंद की तलाश बाह्य परिवर्तनों को बूझने का लक्ष्य किसिम-किसिम …
Read More »स्पीति में बारिश-कृष्णनाथ को पढ़ते हुए
कृष्णनाथ के यात्रा वृत्तांतों का अलग महत्व रहा है। उनके यात्रा-वृत्त ‘स्पीति में बारिश’ को पढ़ते हुए यतीश कुमार ने यह काव्यात्मक समीक्षा लिखी है। किताबों पर काव्यात्मक टिप्पणी करने की यतीश जी की अपनी शैली है। उस शैली में किसी किताब पर लिखे को पढ़ने का अपना सुख …
Read More »हम क्या से क्या नहीं कर गुजरते हैं अपने प्रॉमिस लैंड की तलाश में!
पूनम दुबे के यात्रा-संस्मरणों का अपना ही मज़ा है। हर बार उनके लिखे में एक न एक कहानी होती है। इस बार बेल्जियम है और एक कहानी-मॉडरेटर =============================== बेल्जियम के एक छोटे से शहर घेंट के बस डिपो पर बैठे हम इंतजार कर रहे थे अपनी बस के आने का. …
Read More »अमेरिकी लेखक पॉल थेरो का भारत
रामेश्वरम तक जाने वाली लोकल 1941 में अमेरिका में जन्मे पॉल थेरो की ख्याति यात्रावृत्तों के चर्चित लेखक के रूप में रही है. ग्रेट रेलवे बाजार(1975) पुस्तक उनके लेखन का शिखर माना जाता है. दुनिया के अनेक मुल्कों की यात्रा करने के बाद उसके अनुभवों को उन्होंने पुस्तक का रूप …
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