प्रवीण कुमार झा रहते नॉर्वे में हैं लेकिन ठेठ देशी किस्सा-कहानी लिखते हैं. वामा गांधी के नाम से ‘चमनलाल की डायरी’ नामक एक व्यंग्य-किताब लिख चुके हैं. आज वैलेंटाइन चिट्ठी लिखे हैं. परदेस से लिखे है आने में देरी हो गई है. मौका मिले तो पढियेगा- मॉडरेटर ============ लुबना चमार …
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