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Tag Archives: vinay kumar

आत्मज: अप्प पिता भव !

प्रसिद्ध कवि विनय कुमार के काव्य नाटक ‘आत्मज’ पर यह टिप्पणी लिखी है हिन्दी की वरिष्ठ लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ========================== छोटे से कलेवर की किताब है आत्मज, जो एक काव्य नाटक है। ऐसी विधा जिसे विलुप्त होते-होते मानो जीवन दान दिया हो, विनय कुमार …

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विनय कुमार की लॉकडाउन पाती

लॉकडाउन के इस काल में हम सब कहीं न कहीं फँसे हुए हैं। ऐसे ही हाल में जाने माने मनोचिकित्सक, लेखक-कवि विनय कुमार ने काल पटना में अपने घर में अकेले ही अपने विवाह की 42 वीं वर्षगाँठ मनाई। उनको बधाई के साथ उनकी यह कायवात्मक पाती पढ़िए- मॉडरेटर ===================================== …

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विनय कुमार की पुस्तक ‘यक्षिणी’ से दो कविताएँ

देश के जाने माने मनोचिकित्सक विनय कुमार को हम हिंदी वाले कवि-लेखक के रूप में  जानते हैं। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित उनकी किताब ‘यक्षिणी’ दीदारगंज की यक्षिणी की प्रतिमा को केंद्र में रखकर लिखी गई एक लम्बी सीरीज़ है। आज उसी संकलन से दो कविताएँ- मॉडरेटर ================================== 1 जिस जगह …

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