विनीता परमार पेशे से अध्यापिका हैं। स्त्री जीवन के जद्दोजहद को कहानियों में ढालती हैं। आज उनकी ताज़ा कहानी पढ़िए- ============================= साची ने कंडक्टर की आवाज़ सुन अपना सर ऊपर उठाया, देखा कि बस रुक चुकी है। बस की सीट पर पिछले एक घंटे से धँसी वह उस अहसास के …
Read More »विनीता परमार की कुछ कविताएँ
आज पढ़िए विनीता परमार की कविताएँ- मॉडरेटर ============= *नहीं की मैंने कोई यात्रा* 1. अंतहीन प्रतीक्षा की सरलता कितनी आसानी से मान लिया ठहर कर देखने की सहजता ने । तुम्हें हमेशा चलने की परेशानी रही यात्राओं की जद से बचने में नहीं चाही कोई यात्रा । …
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