कविता शुक्रवार के ‘स्त्री-पर्व’ में आज विपिन चौधरी की कविताएं और वांछा दीक्षित के रेखांकन प्रस्तुत हैं। विपिन चौधरी कवि, लेखक और अनुवादक हैं। विपिन ने रस्किन बांड का कहानी संग्रह (घोस्ट स्टोरीज फ्रॉम राज), रुपा पब्लिकेशन, सरदार अजित सिंह की जीवनी, संवाद पब्लिकेशन का अनुवाद किया है। वे रेडियो नाटक और थिएटर लेखन …
Read More »पुरुष थमाते है स्त्री के दोनों हाथों में अठारह तरह के दुःख
दुर्गा के बहाने कुछ कविताएँ लिखी हैं कवयित्री विपिन चौधरी ने. एक अलग भावबोध, समकालीन दृष्टि के साथ. कुछ पढ़ी जाने वाली कविताएँ- जानकी पुल. ================================== 1 एक युग में ब्रह्मा, विष्णु, शिव थमाते है तुम्हारे अठारह हाथों में अस्त्र शस्त्र राक्षस वध की अपूर्व सफलता के लिये सौंपते हैं शेर की नायाब सवारी कलयुग में पुरुष थमाते है …
Read More »स्वदेश दीपक होना और होकर खो जाना
स्वदेश दीपक पिछले आठ साल से लापता हैं. अभी कुछ लोगों ने फेसबुक पर उनको ढूंढने की मुहिम चलाई है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए. युवा कवयित्री विपिन चौधरी ने स्वदेश दीपक को याद करते हुए यह संस्मरणात्मक लेख लिखा है. आपके लिए – जानकी पुल ————————————————————————————————– इस दौर- ए- हस्ती …
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