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Tag Archives: vipin chaudhry

पुरुष थमाते है स्त्री के दोनों हाथों में अठारह तरह के दुःख

दुर्गा के बहाने कुछ कविताएँ लिखी हैं युवा कवयित्री विपिन चौधरी ने. एक अलग भावबोध, समकालीन दृष्टि के साथ. कुछ पढ़ी जाने वाली कविताएँ- जानकी पुल. ================================== 1  एक युग में  ब्रह्मा, विष्णु, शिव थमाते है तुम्हारे अठारह हाथों में अस्त्र शस्त्र  राक्षस वध  की अपूर्व सफलता के लिये सौंपते हैं   शेर की नायाब सवारी   …

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प्रकृति से एकमेक कलाकार- वेद नायर

पेंटर वेद नायर की कला और उनकी कला-प्रेरणाओं पर यह लेख लिखा है कवयित्री विपिन चौधरी ने. उनकी कला को समझने के लिहाज से इस लेख का अपना महत्व है- जानकी पुल. ================================================ किसी कला-दीर्घा में  प्रदर्शित आधुनिकता की आबोहवा से लस्त-पस्त लम्बोतरे चेहरे उस वयोवृद्ध भारतीय कलाकार की कलाकृतियों का अटूट  हिस्सा हैं, …

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दैहिक गरिमा के भीतर-बाहर

अनामिका और पवन करण की कविताओं पर चली बहस में आज युवा लेखिका विपिन चौधरी की टिप्पणी- जानकी पुल.  =========  विश्व स्तर पर जिस बीमारी से १०.९ मिलियन महिलाएं जूझ रही हों उसी बीमारी और उस अंग विशेष को लेकर लिखी गयी कविताओं से परिणामस्वरूप सामने आई प्रतिक्रियों से एक …

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भगत सिंह और रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के नाम दो कविताएँ

  शहीदी दिवस पर विपिन चौधरी की कविताएँ- जानकी पुल. ————————————————————- १.शहीद–ए-आज़म के  नाम एक कविता उस वक़्त भी होंगे तुम्हारी बेचैन करवटों के बरक्स चैन से सोने वाले आज भी बिलों में कुलबुलाते हैं तुम्हारी जुनून मिजाज़ी  को “खून की गर्मी” कहने वाले तुमने भी तो दुनिया को बिना परखे …

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प्रेम का आसरा अटारी पर बैठे कबूतर थे

अभी हाल में ही युवा कवयित्री विपिन चौधरी को डॉ अंजना सहजवाला कविता सम्मान मिला है. जानकी पुल की ओर से उनको बधाई और प्रस्तुत हैं उनकी कुछ नई कविताएँ- जानकी पुल. खोज अर्थात वास्कोडिगामा   महज़ काली मिर्च की खुश्बु ही किसी लम्बी भटकन का कारण नहीं हो सकती …

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नाम साहिर था हकीकत में वो जादूगर था

साहिर लुधियानवी निस्संदेह हिंदी सिनेमा के सर्वकालिक महान गीतकार थे. उन्होंने फ़िल्मी गीतों को उर्दू शायरी का रंग दिया, उनको साहित्यिक ऊंचाई दी. उनकी गीत-यात्रा को याद कर रही हैं युवा कवयित्री-लेखिका विपिन चौधरी– जानकी पुल. साहिर लुधियानवी के नाम को हिंदी सिनेमा और उर्दू अदब में न केवल एक …

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इस घोर कोलाहल के बीच स्वर संगति

आज विपिन चौधरी की कविताएँ, जिनमें करुणा है, जीवन के गहरे अनुभवों से उपजा विराग है और एक एक ऐसी धुन जो बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह साथ-साथ चलती रहती है- जानकी पुल. 1. तुम्हारा चेहरा मदर एक अदृश्य आकृति के मस्तक पर अपनी कामनाओं, सपनो और अरमानों का सेहरा बाँधा …

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