यतीश कुमार की काव्यात्मक समीक्षा शैली से हम सब बखूबी परिचित हैं। आज उन्होंने अपनी शैली में वंदना राग के उपन्यास ‘बिसात पर जुगनू’ की समीक्षा की है। मौका लगे तो पढ़िएगा- =============================== सुना है कि पुराने ज़माने में जुगनुओं को एक डिब्बे में बंद कर उससे रात में …
Read More »‘अपेक्षाओं के बियाबान’ में कुछ कविताएँ
निधि अग्रवाल की कई कहानियाँ मुझे भी पसंद हैं। उनके कहानी संग्रह ‘अपेक्षाओं के बियाबान’ की कहानियों को पढ़ते हुए यह काव्यात्मक टिप्पणी की है यतीश कुमार ने, जो अपनी काव्यात्मक समीक्षा के लिए जाने जाते रहे हैं। आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन =================== स्मृतियों के प्रेत से मुक्ति पाने …
Read More »‘राजनटनी’ उपन्यास की काव्यात्मक समीक्षा
हाल में गीताश्री का उपन्यास ‘राजनटनी’ प्रकाशित हुआ है, जिसकी काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- ================================= राजनटनी 1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती हैं वे ख़ानाबदोश हैं जो अपने साथ फूलों और मिट्टियों की खुशबू लिए भटकते हैं घोर …
Read More »‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा
पंजाबी की प्रसिद्ध लेखिका अजीत कौर की आत्मकथा ‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- ======================= 1. नाभि से कान सटाये हामला औरत-एक ज़ख्मी बाज़ नंगे दरख़्त की सबसे उपरी टहनी पर शोक गीत गा रही है ज़ख़्मों में इतना रोष है …
Read More »उसने मुझे मजनू की तरह चाहा और लैला बना दिया
वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया की किताब ‘रवि कथा’ आई है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की अपने अन्दाज़ में काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- अन्दाज़-ए-बयॉं उर्फ रवि कथा – ममता कालिया यह सुखद संयोग है कि “ग़ालिब छुटी शराब” कुछ महीने पहले ही पढ़ी मैंने। सारे …
Read More »कृष्णनाथ की पुस्तक ‘पृथ्वी परिक्रमा’ की काव्यात्मक समीक्षा
कृष्णनाथ की प्रसिद्ध पुस्तक ‘पृथ्वी परिक्रमा’ की यह कविता समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- =============== 1. पश्चिमी हवा है और यात्रा भी पर ध्येय तो पूरबी है और जिज्ञासा भी सहज निसर्ग आनंद की तलाश बाह्य परिवर्तनों को बूझने का लक्ष्य किसिम-किसिम …
Read More »कविता शुक्रवार 13: यतीश कुमार की कविताएँ संजू जैन के चित्र
कविता शुक्रवार के इस अंक में यतीश कुमार की कविताएं और संजू जैन के चित्र शामिल हैं।यतीश कुमार (चार्टर्ड इंजीनियर और फेलो) भारतीय रेल सेवा के प्रशासनिक अधिकारी हैं। 22 वर्षों की रेल सेवा के बाद उन्हें भारत वर्ष के “सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम” का सबसे युवा अध्यक्ष एवं प्रबन्ध …
Read More »‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ की काव्यात्मक समीक्षा
लेखक-कवि यतीश कुमार ने काव्यात्मक समीक्षा की अपनी शैली विकसित की और हिंदी की अनेक श्रेष्ठ कृतियों की काव्यात्मक समीक्षा अब तक कर चुके हैं। इस बार उन्होंने विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यास ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ की समीक्षा की है। आप भी पढ़ सकते हैं- ======================== 1. …
Read More »कलिकथा: मंज़िल वाया बाइपास: यतीश कुमार
यतीश कुमार ने काव्यात्मक समीक्षा की अपनी विशेष शैली विकसित की और इस शैली में वे अनेक पुस्तकों की समीक्षाएँ लिख चुके हैं। इसी कड़ी में आज पढ़िए अलका सरावगी के उपन्यास ‘कलि कथा वाया बाइपास’(राजकमल प्रकाशन) की समीक्षा। 1990 के दशक के आख़िरी सालों में जिस उपन्यास ने बड़े पैमाने …
Read More »स्पीति में बारिश-कृष्णनाथ को पढ़ते हुए
कृष्णनाथ के यात्रा वृत्तांतों का अलग महत्व रहा है। उनके यात्रा-वृत्त ‘स्पीति में बारिश’ को पढ़ते हुए यतीश कुमार ने यह काव्यात्मक समीक्षा लिखी है। किताबों पर काव्यात्मक टिप्पणी करने की यतीश जी की अपनी शैली है। उस शैली में किसी किताब पर लिखे को पढ़ने का अपना सुख …
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