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Tag Archives: Yuva Shayar

युवा शायर #16 अक्स समस्तीपुरी की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है अक्स समस्तीपुरी की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 जुदाई में तेरी आंखों को झील करते हुए सबूत ज़ाया किया है दलील करते हुए मैं अपने आप से खुश भी नहीं हूँ जाने क्यों सो खुश हूँ अपने ही रस्ते तवील करते हुए न जाने …

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युवा शायर #15 स्वप्निल तिवारी की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है स्वप्निल तिवारी की ग़ज़लें – त्रिपुरारि  ====================================================== ग़ज़ल-1 मेरे चारों सिम्त पहले जमअ तन्हाई हुई दिल-कचहरी में मिरी तब जा के सुनवाई हुई रेत पर लेटी हुई थी शाम लड़की सी किसी धूप से साहिल पे पूरे दिन की सँवलाई हुई धीरे धीरे …

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युवा शायर #14 सौरभ शेखर की ग़ज़लें

आज युवा शायर सीरीज में पेश है सौरभ शेखर की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 भई देखो इस बात में कोई दो मत नईं प्यार छुपाया जा सकता है, नफ़रत नईं सच सुनने की हरगिज़ उसकी हसरत नईं और तकल्लुफ़ करना अपनी आदत नईं यार कमाया है हमको तो ख़र्च करो …

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युवा शायर #13 अभिषेक शुक्ला की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है अभिषेक शुक्ला की ग़ज़लें – त्रिपुरारि  ====================================================== ग़ज़ल-1 हर्फ़ लफ़्ज़ों की तरफ़ लफ़्ज़ म’आनी की तरफ़ लौट आए सभी किरदार कहानी की तरफ़ होश खो बैठा था मैं ज़र्दी-ए-जाँ से और फिर इक हवा आई उड़ा ले गई पानी की तरफ़ पहले मिसरे …

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युवा शायर #12 अब्बास क़मर की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है अब्बास क़मर की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 मेरी परछाइयां गुम हैं मेरी पहचान बाक़ी है सफ़र दम तोड़ने को है मगर सामान बाक़ी है अभी तो ख़्वाहिशों के दरमियां घमसान बाक़ी है अभी इस जिस्मे-फ़ानी में ज़रा सी जान बाक़ी है इसे …

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युवा शायर #11 विजय शर्मा की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है विजय शर्मा की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 यमन की धुन पे ये किसका बदन बहलता है हर एक शाम ये साहिल पे कौन चलता है किसी के होंठ की गर्मी जबीं को मिलते ही बदन का ग्लेशियर आँखों से बह निकलता है …

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युवा शायर #10 प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 आग है ख़ूब थोड़ा पानी है ये यहाँ रोज़ की कहानी है ख़ुद से करना है क़त्ल ख़ुद को ही और ख़ुद लाश भी उठानी है पी गए रेत तिश्नगी में लोग शोर उट्ठा …

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युवा शायर #9 विकास शर्मा ‘राज़’ की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है विकास शर्मा ‘राज़’ की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ==================================================== ग़ज़ल-1 चल रहे थे नज़र जमाये हम मुड़ के देखा तो लड़खड़ाये हम खोलता ही नहीं कोई हमको रह न जाएँ बँधे-बँधाये हम प्यास की दौड़ में रहे अव्वल छू के दरिया को लौट आये …

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युवा शायर #8 मुदिता रस्तोगी की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है मुदिता रस्तोगी की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ग़ज़ल-1 सुनो एक बात थी जो तुमसे कहनी थी…चलो छोड़ो है छोटी उम्र और है दास्ताँ लम्बी, चलो छोड़ो उठा कर, खेल कर, दिल तोड़ कर देखे कई उसने पता की क़ीमतें सबकी के फिर बोली, चलो …

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युवा शायर #7 अज़ीज़ नबील की ग़ज़लें

युवा शायर सीरीज में आज पेश है अज़ीज़ नबील की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ग़ज़ल-1 ख़ामुशी टूटेगी, आवाज़ का पत्थर भी तो हो जिस क़दर शोर है अन्दर, कभी बाहर भी तो हो मुस्कुराना किसे अच्छा नहीं लगता या-रब मुस्कुराने का कोई लम्हा मयस्सर भी तो हो बुझ चुके रास्ते, सन्नाटा …

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