आज निरंजन श्रोत्रिय की कविताएँ. कवि-संपादक निरंजन श्रोत्रिय की कविताओं में बदलते समय की बेचैन करने वाली छवियाँ हैं, मनुष्यता के छीजते चले जाने का दर्द है. पढते हैं उनकी छह कविताएँ- जानकी पुल. ============== 1 एक रंग को बचा लेने के लिये …
Read More »ई-चरखे पर सूत कातते गाँधी
हाल में ही मुंबई में ‘एटर्नल गाँधी’ शीर्षक से प्रदर्शनी लगी थी. आज बापू के जन्मदिन पर उसी प्रदर्शनी के बहाने गांधी को याद कर रहे हैं कवि-संपादक निरंजन श्रोत्रिय– जानकी पुल.================================================= पिछले दिनों मुंबई में एक “अद्भुत” प्रदर्शनी देखने का अवसर मिला! फ़ोर्ट एरिया के …
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