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Tag Archives: प्रवीण कुमार झा

प्रवीण कुमार झा की कहानी ‘स्लीपर सेल’

बहुत कम लेखक होते हैं जो अनेक विधाओं में लिखते हुए भी प्रत्येक विधा की विशिष्टता को बनाए रख सकते हैं। उनकी ताज़गी बरकरार रखते हुए। लॉकडाउन काल में प्रवीण कुमार झा का कथाकार रूप भी निखार कर आया है। यह उनकी एक नई कहानी है- मॉडरेटर। ================================== “नील! आपका …

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प्रवीण कुमार झा की कहानी ‘जामा मस्जिद सिंड्रोम’

प्रवीण कुमार झा का लेखन कई बार हैरान कर जाता है। अनेक देशों, मेडिकल के पेशे के अनुभवों को जब वे कथा के शिल्प में ढालते हैं तो ऐसी कहानी निकल कर सामने आती है। कहानी के बारे में ज़्यादा नहीं बताऊँगा। स्वयं पढ़कर देखिए- मॉडरेटर ===================================== गिरजाघर वाली गली …

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वाह उस्ताद : फनकार और सुनकार का साझा घराना

प्रवीण कुमार झा की किताब ‘वाह उस्ताद’ की समीक्षा लिखी है डॉक्टर असित कुमार गोस्वामी ने। देश विदेश में  अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके सितार वादक और साहित्य प्रेमी डॉ असित गोस्वामी वर्तमान में बीकानेर के राजकीय कन्या महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. यह किताब राजपाल एंड संज से …

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प्रवीण कुमार झा की पुस्तक ‘वाह उस्ताद’ का एक रोचक अंश

प्रवीण कुमार झा की नई किताब आई है ‘वाह उस्ताद’, जिसमें हिंदुस्तानी संगीत घरानों के क़िस्से हैं। हिंदी में इस तरह की किताबें कम लिखी गई हैं जिनमें शास्त्रीय संगीत के प्रति आम पाठकों में भी रूचि जागृत करने की कोशिश की गई हो। राजपाल एंड संज से आई यह …

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एक ऐसी कहानी जिसे ब्रिटिश छुपाना चाहते थे और हिंदुस्तानी भुलाना

प्रवीण कुमार झा की चर्चित पुस्तक ‘कुली लाइंस’ पर यह टिप्पणी लिखी है कवि यतीश कुमार ने- मॉडरेटर ========================== अखिलेश का ‘निर्वासन’ पढ़ा था और वो मेरा  ‘गिरमिटिया’ शब्द से पहला परिचय था। जहाँ सूरीनाम,1985 में आए एक्ट का जिक्र था। गोसाईगंज से सूरीनाम तक रामअजोर पांडे के बाबा और बिहार …

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‘सोचो अगर हम इंडिया न गए होते, तो इंडिया आज कहाँ होता?’

नॉर्वे प्रवासी डॉक्टर प्रवीण कुमार झा ने ‘कुली लाइंस’ किताब लिखकर इंडियन डायस्पोरा की दास्तान सुनाई। आज स्वाधीनता दिवस के दिन वे परदेस में भारतीय होने का मतलब समझा रहे हैं। उनकी और जानकी पुल की तरफ़ से सबको आज़ादी मुबारक-मॉडरेटर ======================================== गाड़ियों की सस्ती-टिकाऊ सर्विस के चक्कर में गाड़ी-मिस्त्री …

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अख्तरी:हमें इल्म ही न हो कि हमने संगीत सीख लिया!

यतीन्द्र मिश्र लिखित-सम्पादित किताब ‘अख्तरी: सोज़ और साज का अफ़साना’ किताब पर संगीत पर रसदार लेखन करने वाले और इन दिनों अपनी किताब ‘कुली लाइंस’ के उत्सुकता जगाने वाले लेखक प्रवीण कुमार झा की टिप्पणी पढ़िए- मॉडरेटर ===================================== हालिया एक संगीत चर्चा में बात हुई कि भारत में संगीत–लेखन का …

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‘कश्मीरनामा’ के बहाने कश्मीर पर बात

अशोक कुमार पाण्डेय की किताब ‘कश्मीरनामा’ कश्मीर पर एक सुशोधित पुस्तक है. राजपाल एन संज प्रकाशन से प्रकाशित इस पुस्तक पर जब नॉर्वे प्रवासी डॉक्टर प्रवीण झा की यह टिप्पणी पुस्तक की समीक्षा नहीं है बल्कि इस पुस्तक के बहाने कश्मीर पर एक अच्छी टिप्पणी है- मॉडरेटर ========================== शायद डेढ़ वर्ष पहले …

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हम जैसों को अमृतलाल वेगड़ जी कल्पनाओं में ही मिले, और कल्पना में ही दूर हो गए

नर्मदा नदी की यात्रा करके उस पर किताबें लिखने वाले अमृतलाल वेगड़ आज नहीं रहे. उनकी स्मृति में यह श्रद्धांजलि लिखी है नॉर्वे-प्रवासी डॉक्टर लेखक प्रवीण झा ने- मॉडरेटर ================================= हम जैसों को अमृतलाल जी कल्पनाओं में ही मिले, और कल्पना में ही दूर हो गए। जैसे कुमार गंधर्व, जैसे …

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दुनिया की सबसे नीरस किताब कौन सी होगी?

नॉर्वे-प्रवासी डॉक्टर प्रवीण झा के लेखन से, लेखन की धार से हम सब अच्छी तरह परिचित हैं. न उनके पास लिखने के लिए विषयों की कमी पड़ती है, न कभी भाषा में झोल पड़ता है. बस एक बात और कि इस बार जानकी पुल पर उनकी चिट्ठी बहुत दिनों बाद …

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