यतीश कुमार ने पुस्तकों की काव्यात्मक समीक्षा की एक शैली विकसित की। आज लम्बे समय के बाद उन्होंने पुनः एक पुस्तक की समीक्षा की है। पुस्तक है इज़ाडोरा डंकन की आत्मकथा ‘my life’ के हिंदी अनुवाद ‘इज़ाडोरा की प्रेमकथा’। पुस्तक संवाद प्रकाशन से प्रकाशित है। आप समीक्षा पढ़िए- ======================= …
Read More »‘अंतस की खुरचन’ पर एक समीक्षात्मक टिप्पणी
कवि यतीश कुमार का कविता संग्रह ‘अंतस की खुरचन’ जब से प्रकाशित हुआ है लगातार चर्चा में बना हुआ है। उसकी समीक्षा लिखी है मृत्युंजय ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ========================= किसका हाथ पहले पकड़ें यतीश की कविता जीवन के सूक्ष्मतर अनुभव और अनुभावों का छायाचित्र आंकती चलती …
Read More »आशुतोष राणा की किताब पर यतीश कुमार की टिप्पणी
फ़िल्म अभिनेता आशुतोष राणा के व्यंग्य लेखकों का संकलन प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है- ‘मौन मुस्कान की मार’। इस पुस्तक पर एक सुंदर टिप्पणी लिखी है कवि यतीश कुमार ने। आप भी पढ़ सकते हैं- =================== कई बड़े कलाकारों के साक्षात्कार में सुना है कि अभिनय शैली में …
Read More »‘जूठन’ की काव्यात्मक समीक्षा
यतीश कुमार ने पुस्तकों पर काव्यात्मक टिप्पणी कर अपनी विशेष पहचान बनाई है। आज पढ़िए उनकी अपनी शैली में ओमप्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा ‘जूठन’ पर टिप्पणी- =========================== डॉक्टर तुलसी राम की लिखी ‘मुर्दहिया’ और ‘मणिकर्णिका’ पढ़ने के बाद एक आलेख लिखा था। कई मित्रों ने यह सुझाया कि ओमप्रकाश …
Read More »‘बिसात पर जुगनू’ की काव्यात्मक समीक्षा
यतीश कुमार की काव्यात्मक समीक्षा शैली से हम सब बखूबी परिचित हैं। आज उन्होंने अपनी शैली में वंदना राग के उपन्यास ‘बिसात पर जुगनू’ की समीक्षा की है। मौका लगे तो पढ़िएगा- =============================== सुना है कि पुराने ज़माने में जुगनुओं को एक डिब्बे में बंद कर उससे रात में …
Read More »‘अपेक्षाओं के बियाबान’ में कुछ कविताएँ
निधि अग्रवाल की कई कहानियाँ मुझे भी पसंद हैं। उनके कहानी संग्रह ‘अपेक्षाओं के बियाबान’ की कहानियों को पढ़ते हुए यह काव्यात्मक टिप्पणी की है यतीश कुमार ने, जो अपनी काव्यात्मक समीक्षा के लिए जाने जाते रहे हैं। आप भी पढ़िए- प्रभात रंजन =================== स्मृतियों के प्रेत से मुक्ति पाने …
Read More »‘राजनटनी’ उपन्यास की काव्यात्मक समीक्षा
हाल में गीताश्री का उपन्यास ‘राजनटनी’ प्रकाशित हुआ है, जिसकी काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- ================================= राजनटनी 1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती हैं वे ख़ानाबदोश हैं जो अपने साथ फूलों और मिट्टियों की खुशबू लिए भटकते हैं घोर …
Read More »‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा
पंजाबी की प्रसिद्ध लेखिका अजीत कौर की आत्मकथा ‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- ======================= 1. नाभि से कान सटाये हामला औरत-एक ज़ख्मी बाज़ नंगे दरख़्त की सबसे उपरी टहनी पर शोक गीत गा रही है ज़ख़्मों में इतना रोष है …
Read More »उसने मुझे मजनू की तरह चाहा और लैला बना दिया
वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया की किताब ‘रवि कथा’ आई है। वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब की अपने अन्दाज़ में काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- अन्दाज़-ए-बयॉं उर्फ रवि कथा – ममता कालिया यह सुखद संयोग है कि “ग़ालिब छुटी शराब” कुछ महीने पहले ही पढ़ी मैंने। सारे …
Read More »कृष्णनाथ की पुस्तक ‘पृथ्वी परिक्रमा’ की काव्यात्मक समीक्षा
कृष्णनाथ की प्रसिद्ध पुस्तक ‘पृथ्वी परिक्रमा’ की यह कविता समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- =============== 1. पश्चिमी हवा है और यात्रा भी पर ध्येय तो पूरबी है और जिज्ञासा भी सहज निसर्ग आनंद की तलाश बाह्य परिवर्तनों को बूझने का लक्ष्य किसिम-किसिम …
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