जब-जब कट्टरतावादी ताक़तें ज़ोर पकड़ती हैं सबसे पहले अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला होता है। अभी हाल में ही पुस्तक मेले के दौरान मैनेजर पाण्डेय के एक वक्तव्य पर फासीवादी ताकतों ने हंगामा किया उससे यह संकेत मिलता है कि आने वाले समय में हालात किस तरह के होने वाले …
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