ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मराठी लेखक भालचन्द्र नेमाड़े के चांगदेव चतुष्ट्य (बिढार, हूल, जरीला, झूल) में से एक उपन्यास ‘झूल’ का एक अंश पढ़िए। उपन्यास राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- =================== पुराणिक कॉलेज का सबसे बड़ा संकट यानी माठूराम-मुरलीमोहन-ठोसर द्वारा ली जानेवाली स्टाफ़ मीटिंगें अब नियमित शुरू हो गई थीं। …
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