बड़े दिनों बाद एक दिलचस्प ऐतिहासिक उपन्यास पढ़ा- ‘चरु, चीवर और चर्या’। लेखक हैं प्रदीप दाश। उपन्यास की पृष्ठभूमि बौद्ध धर्म है, मध्यकाल से पहले के दौर में उड़ीसा में धर्मों का द्वंद्व किस तरह चल रहा था, उसमें राज्य की भूमिका कैसी थी? सब कुछ बहुत रोचक तरीक़े से …
Read More »‘अग्निकाल; सल्तनतकालीन सिपहसालार मलिक काफ़ूर की कहानी’ का एक अंश
पेंगुइन स्वदेश से किताब आई है ‘अग्निकाल; सल्तनतकालीन सिपहसालार मलिक काफ़ूर की कहानी’। युगल जोशी की इस किताब का एक अंश पढ़िए- ======================= माणिक की आँखों में आँसू और अंगारे दोनों ही थे। पर अब खोने को क्या बाकी था? ‘इतना ही वीर पुरुष है तो हाथ खोल दे मेरे, …
Read More »पंकज दुबे के उपन्यास ‘इश्क़ बाक़ी’ का एक अंश
पंकज दुबे उन लेखकों में हैं जिन्होंने दो भाषाओं में लिखना शुरू किया। जिस जमाने में जब विनर की कहानियाँ लिख रहे थे उन्होंने ‘लूज़र कहीं का’ का लिखा, उसके बाद उन्होंने हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में कुछ और उपन्यास लिखे और जिनको पाठकों का प्यार भी मिला। उनका …
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