प्रेमचंद का यह पत्र सज्जाद ज़हीर के नाम है जिसमें प्रगतिशील लेखक संघ की बातें हो रही हैं. इसे हिंदी में हमारे लिए पेश किया है सैयद एस. तौहीद ने- मॉडरेटर ——————————————- डियर सज्जाद, तुम्हारा खत मिला। मैं एक दिन के लिए ज़रा गोरखपुर चला गया था और वहां …
Read More »