आज सत्यानन्द निरुपम की कविताएँ. वे मूलतः कवि नहीं हैं, लेकिन इन चार कविताओं को पढकर आपको लगेगा की वे भूलतः कवि भी नहीं हैं. गहरी रागात्मकता और लयात्मकता उनकी कविताओं को एक विशिष्ट स्वर देती है, केवल पढ़ने की नहीं गुनने की कविताएँ हैं ये. इस विचार-आक्रांत समय में …
Read More »