‘हैदर’ के आये दो हफ्ते हो गए. अभी भी मल्टीप्लेक्स में उसे देखने के लिए लोग जुट रहे हैं. अभी भी लोग उसे देख देख कर उसके ऊपर लिख रहे हैं. युवा फिल्म पत्रकार सैयद एस. तौहीद ने देर से ही सही लेकिन ‘हैदर’ पर सम्यक टिप्पणी की है. आप …
Read More »‘हैदर’ देखिए, बशारत पीर की किताब पढ़िए
मेरे हमनाम हैं प्रभात रंजन. कल उन्होंने ‘तहलका’ में लिखी शुभम उपाध्याय की लिखी हैदर फिल्म की समीक्षा साझा की. लिखने का अंदाज अच्छा लगा तो साझा कर रहा हूँ- प्रभात रंजन =========================================================== ‘हैदर’ गोल-गोल कंटीली बाड़ों से हर तरफ लिपटा हुआ एक इंद्रधनुष है. वे कंटीले तार जो उन शहरों …
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