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शीन काफ़ निज़ाम की चुनिन्दा नज़्में

शीन काफ निज़ाम की गज़लों के हम सब पुराने शैदाई रहे हैं लेकिन हम हिंदी वाले उनकी नज्में किसी मुकम्मल किताब में नहीं पढ़ पाए थे. खुशखबरी है कि वाणी प्रकाशन से उनकी नज्मों का संकलन आया है ‘और भी है नाम रस्ते का’. उसी संकलन से उनकी कुछ चुनिन्दा नज्में- …

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शीन काफ निजाम की ग़ज़लें

लोकमत समाचार के वार्षिक आयोजन ‘दीप भव’ में वैसे तो सभी रचनाएँ अपने आप में ख़ास हैं. लेकिन पहले शीन काफ निजाम साहब की ग़ज़लें पढ़िए, जो इस अंक की एक नायाब पेशकश है- मॉडरेटर  1. सफ़र में भी सहूलत चाहती है मुहब्बत अब मुरव्वत चाहती है तुम्हारा शौक है, …

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मैं उसकी था पसंद तो क्यों छोड़ के गया

कल ‘समन्वय’ में उर्दू-शायर शीन काफ निजाम ने समां बंध दिया. उनको सुनना बहुत जीवंत अनुभव रहा. शायरी पर उन्होंने काफी विचारोत्तेजक बातें भी कीं. उनकी कुछ चुनिंदा ग़ज़लें हम पेश कर रहे हैं- जानकी पुल. १. आँखों में रात ख्वाब का खंज़र उतर गया यानी सहर से पहले चिरागे-सहर …

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