सुष्मिता बनर्जी ने अपने आत्मकथात्मक उपन्यासों में जिनका भय दिखाया था अंततः उनके ही हाथों मारी गई. सुष्मिता बंद्योपाध्याय(बनर्जी) के उपन्यास ‘काबुलीवाले की बंगाली बीवी’ का एक मार्मिक अंश उनके अपने बयान के साथ, उस बहादुर लेखिका को श्रद्धांजलि स्वरुप- जानकी पुल. ============================================ दो शब्द किसी विशेष धर्म, धार्मिक व्यक्ति …
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