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Tag Archives: vimlesh sharma

धीमे-धीमे चले री पुरवइया, पूछे कहाँ छूटी है तू चिरइया

फ़िल्म लापता लेडीज़ पर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखिका विमलेश शर्मा ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ====================== भारतीय कथा-साहित्य में रवीन्द्रनाथ टैगोर से लेकर सत्यजीत रॉय तक के कथानकों-फिल्मांकन में नायिकाओं की अदला-बदली का उल्लेख है; परन्तु किरण रॉव लापता लेडिज में दुलहिनों की अदला-बदली का जो तार्किक-मार्मिक …

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‘अवेंजर्स एंडगेम’ फ़िल्म नहीं फिनौमिना है!

फ़िल्म अवेंजर्स एंडगेम पर विमलेश शर्मा की टिप्पणी पढ़िए- मॉडरेटर ================================== हाँ तो Avengers Endgame की बात कर रहे हैं हम यहाँ जिसे देखना मेरे लिए काफ़ी Adventurous था… इसे देखने से  पहले इतनी हिदायतें दी गई कि मुझे याद नहीं कभी माँ होते हुए मैंने पुत्तर जी को उतनी …

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बीतता साल साहित्य का हाल

अजमेर में प्राध्यापिका विमलेश शर्मा ने साल 2018 के साहित्यिक परिदृश्य का लेखा जोखा प्रस्तुत किया है. लेख में व्यक्त विचार लेखिका के अपने हैं- मॉडरेटर ======================================= और शब्द-रथ पर यों ही कारवाँ चलता रहे… “मुझमें जीवन की लय जागी मैं धरती का हूँ अनुरागी जड़ीभूत करती है मुझको यह …

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अकेलेपन और एकांत में अंतर होता है

‘अक्टूबर’ फिल्म पर एक छोटी सी टिप्पणी सुश्री विमलेश शर्मा की- मॉडरेटर ============================================ धुँध से उठती एक महीन धुन,शाख़ पर खिलता फूल , टूट कर बिखरता चाँद हो या फिर पत्तों की सरसराहट ; दरअसल भाषायी संस्कारों में ये सभी प्रकृति की अद्भुत लीला के प्रतीक भर हैं। इस लीला …

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प्रभास को देखते हुए विनोद खन्ना के डील डौल की याद आ रही थी!

बाहुबली फिल्म की अभूतपूर्व सफलता से मुझे जे के रोलिंग के हैरी पौटर की सफलता याद आ रही है. हालाँकि वह किताब थी. खैर इस फिल्म ने भी बड़े पैमाने पर लोगों की कल्पनाओं, उत्सुकताओं को जगा दिया है. बाहुबली फिल्म पर यह लेख विमलेश शर्मा ने लिखा है जो …

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