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कविताएं

संजीव के उपन्यास ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’ पर यतीश कुमार की काव्यात्मक टिप्पणी

यतीश कुमार ने काव्यात्मक समीक्षा की अपनी विशिष्ट शैली विकसित की। उसी शैली में उन्होंने संजीव के उपन्यास ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’ पर यह ख़ास टिप्पणी लिखी है। आप भी पढ़िए- ==================== 1. संवलाया-सा समय खिलती हुई शाम अन्हरिया में फुदकता मन सपनों को छूने के न जाने कितने …

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पूर्वांशी की आठ कविताएँ

आज पढ़िए पूर्वांशी  की कुछ कविताएँ। पूर्वांशी दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में प्रथम वर्ष की विद्यार्थी हैं और देखिए कितनी अच्छी कविताएँ लिखती हैं। इससे पहले इनकी कविताएँ ‘सदानीरा’ पर प्रकाशित भी हो चुकी हैं- ========================   1 घर इसे भरना था जब तो क्यों ख़ाली पड़ गया है …

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दुन्या मिखाइल की कविताएँ

  आज दुन्या मिखाइल की कुछ कविताएँ पढ़िए। दुन्या मिखाइल इराक़ में पैदा हुई कवयित्री हैं। वह लंबे समय से अमेरिका में रह रही हैं। वह अब अमेरिकी नागरिक भी हैं। उनके कविता-संकलन चर्चित रहे हैं और उन्हें कुछ प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले हैं। हिंदी सहित संसार की कई भाषाओं …

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युवा कवि रवित यादव की गद्य कविताएँ

युवा कवि रवित यादव की कुछ गद्य कविताएँ पढ़िए। वे पेशे से वकील हैं और संवेदनशील कवि, जिनका अपना मुहावरा है और कविता की अपनी ठोस ज़मीन। आज अरसे बाद उनकी कुछ कविताएँ पढ़िए- ================== 1— न्यायप्रिय वहाँ उसके पास अपना एक कमरा था जो धीरे-धीरे खुद को खाली कर …

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अनुराग अन्वेषी की कविताएँ

लेखक-पत्रकार अनुराग अन्वेषी से हमारा परिचय अनेक रूपों में है इसलिए उनका कवि रूप कुछ पीछे चला जाता है। जबकि वे समर्थ कवि हैं, उनके यहाँ हर तरह की कविताएँ हैं- मुखर भी और मौन भी। अभी हाल में उनका कविता संग्रह प्रकाशित हुआ है ‘चिड़िया का है बहेलिये से …

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सपना भट्ट की कुछ नई कविताएँ

आज पढ़िए सपना भट्ट की कविताएँ। उनकी कविताओं का अपना विशिष्ट स्वर समकालीन कविता में बहुत अलग है। आप भी पढ़िए उनकी कुछ नई कविताएँ- ============== 1 यहीं तो था! अज्ञात कूट संकेतों के अप्रचलित उच्चारणों में गूँजता तुम्हारी मौलिक हँसी का मन्द्र अनुनाद यहीं रखे थे प्रागैतिहासिक अविष्कारों से …

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संगीता गुन्देचा की कविताएँ

आज पढ़िए संगीता गुन्देचा की कविताएँ। संगीता संस्कृतज्ञ हैं और उनकी कविताओं में शास्त्रीय कविताओं की गूंज सुनाई देती है। ये कविताएँ उनके कविता संग्रह ‘पडिक्कमा‘ से ली गई हैं। यह संग्रह वाणी प्रकाशन से प्रकाशित है — ========================   जाड़े के दिनों में जाड़े के दिनों में पहाड़ पर …

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अनुपम त्रिपाठी की तीन कविताएँ

आज पढ़िए युवा कवि अनुपम त्रिपाठी की कविताएँ। बहुत साधारण प्रसंगों में गहरे संकेत छोड़ने वाली इन कविताओं को पढ़िए। एक अलग तरह की आत्मीयता दिखाई देगी- ========== 1 लकड़ी के तिपहिए को डगराने से पहले की स्मृति में जो हाथ याद आता है मिट्टी की जमीन पर पड़ी हथेलियां …

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कस्तुरिका मिश्र की कविताएँ

  आज पढ़िए कस्तुरिका मिश्र की कविताएँ। उनकी कला के अलग अलग रूपों से हम वाक़िफ़ रहे हैं। आज कविताएँ पढ़िए- ================ उसके और मेरे जीवन में एक समान गति हैं! उसका बोझा पीठ पर हैं और मेरा दिमाग पर, अपने अपने बोझे को ढोने की ताकत हमने माँ से …

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वीरेंद्र प्रसाद की नई कविताएँ

डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद अर्थशास्त्र एवं वित्तीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है और वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। वे पशु चिकित्सा विज्ञान में भी स्नातकोत्तर  हैं। रचनात्मक लेखन में उनकी रुचि है। प्रस्तुत है भीड़भाड़ से दूर रहने वाले कवि-लेखक वीरेन्द्र प्रसाद की कुछ कविताएँ जिनको पढ़ते …

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