पेशे से डॉक्टर प्रवीण कुमार झा रहते नॉर्वे में हैं लिखते हिन्दुस्तान की स्थितियों पर हैं. वामा गाँधी के नाम से ‘चमनलाल की डायरी’ नामक एक किताब लिख चुके हैं. मूलतः व्यंग्यकार हैं. कई बार उनको पढ़ते हुए हरिशंकर परसाई याद आ जाते हैं. मसलन रंगीला शहंशाह के किस्से पढ़ते हुए. आप …
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