आज हमारे लोकतंत्र के महासमर का आखिरी मतदान चल रहा है. आइये रवि भूषण पाठक की कुछ राजनीतिक कवितायेँ पढ़ते हैं और उसके निहितार्थों को समझने की कोशिश करते हैं- जानकी पुल. === === 1. रूको देश काला जादूगर के आंखों का सूरमा हो जाएगा बासी थक जाएगी उसकी उँगलियां …
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