अच्युतानंद मिश्र समकालीन हिंदी कविता की उल्लेखनीय उपस्थिति का नाम है. उनको युवा कविता का सम्मानित भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार मिल चुका है. प्रचार-प्रसार के इस युग में वे चुपचाप सृजनरत हैं. आज उनकी तीन कविताएँ- मॉडरेटर ================ दंगे के बाद वीरान गली का आखिरी सिरा एक जूता उल्टा रखा …
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