अजय नावरिया समकालीन कहानी का ऐसा नाम है जिनके परिचय देने की ज़रूरत महसूस नहीं होती। हम सब उनकी कहानियों से अच्छी तरह परिचित हैं। समाज के भेदभाव, गैर बराबरी के कथानक बड़ी सहजता से उनकी कहानियों में आते हैं। जैसे उनकी इस कहानी में पढ़िए- ============================================== ‘तिवारी, …
Read More »अजय नावरिया की कहानी ‘विखंडन’
अजय नावरिया समकालीन हिंदी के उन लेखकों में हैं जिन्होंने हिंदी लेखन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी. मुझे एक संस्मरण याद आ रहा है. एक बार नॉर्वे की एक युवा लेखिका भारत आई. वह ‘जानकी पुल’ की पाठिका थी. उसके साथ ईमेल से बातचीत भी होती थी. दिल्ली आने के बाद …
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