a कुछ दिन पहले ही भाई शरद चंद्र श्रीवास्तव ने अपनी कुछ कविताएँ पढ़ने के लिए भेजी थीं। क्या पता था अब उनसे कभी संवाद नहीं हो पाएगा। उनकी इन कविताओं के साथ जानकी पुल की ओर से शरद जी को श्रद्धांजलि- ============================= 1. “अपने अपने एकलव्य” हर …
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