सईद अयूब बहुत कल्पनाशील तरीके से पिछले कई सालों से साहित्यिक आयोजन करते रहे हैं. करीब एक महीने पहले जब उन्होंने बताया कि सीपी के एक रेस्तरां में पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानियों पर चर्चा करनी है तो लगा कि बात कुछ अधिक ही कल्पनाशील तो नहीं हो गई? लेकिन कल …
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