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हेमिंग्वे की कहानी ‘आज शुक्रवार है’

जुलाई का महीना अर्नेस्ट हेमिंग्वे का महीना है. उस लेखक जो दुनिया के सबसे महान कथा-लेखकों में एक थे. आज उनकी यह कहानी ‘आज शुक्रवार है’, जो नाटकीय शैली में लिखी गई है और इसमें तीन रोमन सिपाहियों की बातचीत है जो ईसा मसीह को सूली पर लटकाकर लौटे हैं. समकालीन सन्दर्भों में बहुत प्रासंगिक. आज ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित हुई है. अनुवाद मेरा ही है- मॉडरेटर 
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आज शुक्रवार है
अर्नेस्ट हेमिंग्वे
अनुवाद: प्रभात रंजन
रात के ग्यारह बजे हैं और तीन रोमन सिपाही एक शराबखाने में बैठे हुए हैं. दीवार के साथ शराब के पीपे लगे हुए हैं. लकड़ी के काउंटर के पीछे एक हिब्रू शराब विक्रेता बैठा हुआ है. तीनों रोमन सिपाहियों की आँखें हलकी नीली हैं.

पहला रोमन सिपाही: तुमने रेड वाइन ली?

दूसरा रोमन सिपाही: नहीं अभी तक नहीं ली.

पहला सिपाही: एक बार पीकर देखो.

दूसरा सिपाही: ठीक है, जॉर्ज, अब हम रेड वाइन का एक-एक जाम पियेंगे.

हिब्रू शराब विक्रेता- हाँ लीजिये महानुभावों. आप लोगों को अच्छी लगेगी.(वह मिटटी के एक घड़े में पीपे से वाइन उड़ेलता है) यह बढ़िया वाइन है.

पहला सिपाही: थोडा सा यह चखो. (वह तीसरे सिपाही की तरफ घूमता है जो कि एक बैरेल पर झुका हुआ है) क्या हुआ है तुमको?

तीसरा रोमन सिपाही: मेरे पेट में दर्द हो रहा है.

दूसरा सिपाही: तुम पानी पी रहे हो.

पहला सिपाही: जरा यह रेड वाइन चख लो.

तीसरा सिपाही: मैं यह बेकार चीज नहीं पी सकता हूँ. इससे मेरे पेट में दर्द हो जाता है.

पहला सिपाही: तुम यहाँ बहुत देर से हो.

तीसरा सिपाही: उफ़ क्या मुझे यह पता नहीं है?

पहला सिपाही: सुनो, जॉर्ज क्या तुम इस भलेमानुस को कुछ ऐसा नहीं दे सकते जिससे इसका पेट ठीक हो जाए?

हिब्रू शराब विक्रेता: मेरे पास है न.

(तीसरा रोमन सिपाही उस कप को चख लेता है जो शराब विक्रेता ने उसके लिए तैयार की है)

तीसरा सिपाही: अच्छा सुनो, इसमें तुमने क्या मिलाया था, ऊँट की लीद?

शराब विक्रेता: आप पी जाइए लेफ्टिनेंट. इससे आप अच्छे हो जायेंगे.

तीसरा सिपाही: मुझे कुछ ख़ास बुरा नहीं लग सकता.

पहला सिपाही: एक मौका लेकर देखो. एक दिन जॉर्ज ने मुझे ठीक कर दिया था.

शराब विक्रेता: आपकी हालत तब खराब थी, लेफ्टिनेंट. मुझे पता है कि खराब पेट किस चीज से ठीक होता है?

( तीसरा रोमन सिपाही कप को उठाकर पी जाता है)

तीसर रोमन सिपाही: हे प्रभु ईसा मसीह(वह मुँह बनाता है)

दूसरा सिपाही: झूठी चेतावनी! 
पहला सिपाही: ओह, मुझे नहीं पता. आज वह वहां काफी बढ़िया लग रहे थे.

दूसरा सिपाही: वह सलीब से नीचे क्यों नहीं उतरे?

पहला सिपाही: वह सलीब से नीचे नहीं उतरना चाहते थे. यह उसका खेल नहीं है.

दूसरा सिपाही: मुझे एक आदमी ऐसा बताओ जो सलीब से नीचे नहीं उतरना चाहता हो.

पहला सिपाही: ओह, भाड़ में जाओ, तुम इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हो. वहां जॉर्ज है उससे पूछो. जॉर्ज, क्या वह सलीब से नीचे उतरना चाहते थे?

शराब विक्रेता- मैं आपको बताऊँ महानुभावों, मैं वहां था नहीं. इस बात में मैंने दिलचस्पी नहीं ली.

दूसरा सिपाही: सुनो, मैंने काफी देखे हैं- यहाँ भी और कई अन्य स्थानों पर भी. किसी भी वक्त मुझे एक आदमी ऐसा दिखाना जो समय आने पर सलीब से उतरना नहीं चाहता हो, मेरा मतलब है- मैं उसके साथ वहां चढ़ जाऊँगा.

पहला सिपाही: मुझे लगा कि वह वहां आज बहुत बढ़िया लग रहे थे.

तीसरा सिपाही: वह बिलकुल ठीक थे.

दूसरा रोमन सिपाही: तुम लोग समझ नहीं रहे हो कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ. मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि वह सही थे या नहीं. मेरा मतलब है, कि जब समय आता है. जब उन्होंने पहले उनको सलीब में कील से ठोकना शुरू किया तो उनमें से कोई चाहता भी तो रोक नहीं सकता था.

पहला सिपाही: क्या तुमने इसके ऊपर ध्यान नहीं दिया, जॉर्ज?
शराब विक्रेता: नहीं मैंने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेफ्टिनेंट.

पहला सिपाही: जिस तरह से उसने किया उससे मैं हैरान था.

तीसरा सिपाही: जो हिस्सा मुझे पसंद नहीं है वह कील ठोकने वाला है. बताऊँ, वह आपको बहुत बुरा लगता है.

दूसरा सिपाही: यह कुछ ऐसा नहीं है जो इतना बुरा है, क्योंकि उन लोगों ने पहले उनको उठाया( वह दोनों हथेलियों को जोड़कर उठाने की मुद्रा बनाता है). जब भार खींचने लगता है. तब वह महसूस होता है.

तीसरा रोमन सिपाही: यह उनमें से कुछ लोगों को बहुत बुरा लगता है.

पहला सिपाही: क्या मैंने उनको देखा नहीं है? मैंने कई सारे देखे हैं. मैं कहता हूँ, वह आज बहुत अच्छे लग रहे थे.

(दूसरा रोमन सिपाही हिब्रू शराब विक्रेता को देखकर मुस्कुराता है)

दूसरा सिपाही: तुम एक आम इसाई हो, बुजुर्ग इंसान.

पहला सिपाही: बिलकुल, बोलते जाओ और उसको बुद्धू बनाते जाओ. लेकिन जब मैं तुमसे कुछ कहता हूँ तो उसको सुनो. वह वहां आज बहुत अच्छे लग रहे थे.  

दूसरा सिपाही: थोड़ी और वाइन पीने के बारे में क्या ख़याल है?

(शराब विक्रेता उम्मीद से देखता है. तीसरा रोमन सिपाही अपने सर को झुकाए बैठा है. उसकी तबियत ठीक नहीं लग रही है.)

तीसरा सिपाही: मुझे और नहीं चाहिए.

दूसरा सिपाही: बस दो के लिए जॉर्ज.

(शराब विक्रेता वाइन का एक घड़ा निकालता है, इस बार घड़ा पिछले वाले घड़े से छोटा है)
वह लकड़ी के काउंटर पर आगे की तरफ झुकता है)

पहला रोमन सिपाही: तुमने उसकी प्रेमिका को देखा?

दूसरा सिपाही: क्या मैं उसके ठीक बगल में खड़ा नहीं था?

पहला सिपाही: वह देखने में अच्छी है.

दूसरा सिपाही: मैं उसके पहले से उसे जानता था(वह शराब विक्रेता को देखकर आँख मार देता है)

पहला सिपाही: मैं उसको शहर में देखा करता था.

दूसरा सिपाही: उसके पास काफी कुछ था. वह उसके लिए भाग्यशाली साबित नहीं हुआ.

पहला सिपाही: ओह, वह खुशकिस्मत नहीं है. लेकिन आज बहुत अच्छे लग रहे थे.

दूसरा सिपाही: उसकी मंडली का क्या हुआ?  

पहला सिपाही: वह सब इधर उधर हो गए. वही औरत उसके साथ रह गई.

दूसरा रोमन सिपाही: वह बकवास लोगों की भीड़ थी. जब उन्होंने उसको ऊपर वहां जाते हुए देखा तो वे कुछ भी नहीं चाहते थे.

पहला सिपाही: लेकिन वह औरत उसके साथ ही रही.

दूसरा सिपाही: बिलकुल वे सही अटके रहे.

पहला रोमन सिपाही: जब मैंने पुराना खंजर उसके अंदर उतारा तब तुमने देखा.

दूसरा रोमन सिपाही: ऐसा करने के लिए किसी दिन तुम मुश्किल में पड़ जाओगे.

पहला सिपाही: कम से कम उनके लिए मैं इतना तो कर सका. मैं तुमको बताऊँ कि वह मुझे आज बहुत अच्छे लग रहे थे.  

हिब्रू शराब-विक्रेता: महानुभावों, आपको बताना चाहता हूँ कि मुझे अब बंद करना है.

पहला रोमन सिपाही: हम एक-एक और पियेंगे.

दूसरा रोमन सिपाही: क्या फायदा? इससे कुछ हो नहीं रहा. आओ, चलते हैं.

पहला सिपाही: बस एक एक और.

दूसरा सिपाही: नहीं, छोडो, चलो. हम चलते हैं. शुभ रात्रि, जॉर्ज. इसको भी बिल में जोड़ लेना. 
शराब विक्रेता: शुभरात्रि, महानुभावों. (वह थोडा दुखी दिखाई दे रहा है). क्या आप थोडा बहुत भी भुगतान नहीं कर सकते, लेफ्टिनेंट?

दूसरा रोमन सिपाही: क्या बकवास है जॉर्ज! बुधवार को भुगतान का दिन होता है.

शराब विक्रेता: ठीक है, लेफ्टिनेंट. शुभरात्रि, महानुभावों.

(तीनों रोमन सिपाही दरवाजे से बाहर निकलकर सड़क पर आ जाते हैं)

(बाहर सड़क पर)

दूसरा रोमन सिपाही: जॉर्ज भी बाकी सब की तरह ही यहूदी है.

पहला रोमन सिपाही: जॉर्ज अच्छा इंसान है.

दूसरा सिपाही: आज की रात तुमको सब अच्छे इंसान लग रहे हैं.

तीसरा रोमन सिपाही: आओ, बैरेक में चलते हैं. मुझे आज की रात बहुत बुरा महसूस हो रहा है.

दूसरा सिपाही: तुम यहाँ बहुत देर रहे.

तीसरा रोमन सिपाही: नहीं, बस यूँही. मुझे खराब महसूस हो रहा है.

दूसरा सिपाही: तुमने यहाँ बहुत अधिक समय बिताया है. बस यही बात है.
पर्दा 
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8 comments

  1. nice post

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  2. याद आने वाली कहानी

  3. अच्छी, रोचक, सुबह की शुरुआत सुखद। धन्यवाद बधाई ढेर सारी….

  4. मजा आ गया।सुबह की शुरुआत हेमिंग्वे के साथ और प्रभात भाई के हाथ।बधाई।

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