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Anu Ranjanee

पल्लवी विनोद की कहानी ‘दृश्य’

यौन हिंसा पर आधारित यह कहानी लिखी है सुपरिचित लेखिका पल्लवी विनोद ने । पल्लवी लखनऊ में रहती हैं। आप भी पढ़ सकते हैं – अनुरंजनी  ========================= दृश्य ज़मीन पर गिरा हुआ आदमी मर चुका है। मरते समय उसने मारने वाले को जिस भाव से देखा होगा वो भाव अभी …

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यौनिकता की ‘जेंडर्ड’ व्याख्या : सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक

‘सूर्य की अन्तिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक’ सुरेन्द्र वर्मा का प्रसिद्ध नाटक है। प्रकाशन के लंबे समय बाद भी यह चर्चा में बना हुआ है। अभी हाल ही, वर्ष 2018 में इसी नाटक पर आधारित फिल्म भी आई थी। यह नाटक स्त्री-पुरुष यौनिकता की बात करता है। …

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विहाग वैभव और ‘मोर्चे पर विदागीत’

विहाग वैभव लंबें समय से कविताएँ लिख रहे हैं, जो समय-समय पर विभिन्न पत्रिकाओं आदि में पढ़ी जाती रहीं । पिछले वर्ष राजकमल प्रकाशन से उनकी कविताओं का संग्रह प्रकाशित हुआ है ‘मोर्चे पर विदागीत’। इस किताब में तमाम तरह की कविताएँ हैं जिन्हें विद्रोह की कविताएँ कहा जा सकता …

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आम जन के विद्रोह की रूपक कथा है ‘नौकर की कमीज’

हिन्दी कथा-साहित्य में जब भी शिल्प के नए प्रयोगों पर बात होती है तो उनमें एक नाम बहुत ही प्रमुखता से आता है, विनोद कुमार शुक्ल । उन्हीं का एक बहुचर्चित उपन्यास है ‘नौकर की कमीज़’ , इस उपन्यास का प्रथम प्रकाशन 1979 ई. में हुआ । प्रत्येक साहित्य का …

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ज्योति शर्मा की नई कविताएँ

आज पढ़िए ज्योति शर्मा की कविताएँ । इन कविताओं में स्त्री-मन का विद्रोह भीतर ही भीतर गुँथा मिलता है। विद्रोह प्रकट करने के दो तरीके होते हैं, एक आक्रोश से भरा और दूसरा शालीनता से। ज्योति शर्मा की कविताओं की यह विशेषता है कि वे आक्रोश में तो हैं लेकिन …

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‘मंथर होती प्रार्थना’ की समीक्षा

पिछले वर्ष ही सुदीप सोहनी का काव्य-संग्रह ‘मन्थर होती प्रार्थना’ प्रकाशित हुआ है । इस किताब की समीक्षा कर रही हैं डॉ. रेखा कस्तवार । रेखा कस्तवार मुख्यत: स्त्री-केंद्रित विषयों पर लेखन के लिए जानी जाती हैं । ‘किरदार ज़िन्दा है’, ‘स्त्री चिंतन की चुनौतियाँ’ उनकी दो प्रमुख किताबें हैं …

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‘वर्षावास’ की काव्यात्मक समीक्षा

‘वर्षावास‘ अविनाश मिश्र का नवीनतम उपन्यास है । नवीनतम कहते हुए प्रकाशन वर्ष का ही ध्यान रहता है (2022 ई.) लेकिन साथ ही तुरंत उपन्यास के शिल्प पर ध्यान चला जाता है जो अपने आप में बिल्कुल ही नया है । अब तक हिंदी उपन्यासों में डायरी (नदी के द्वीप), पत्र …

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आशुतोष प्रसिद्ध की कविताएँ

युवा कवि आशुतोष प्रसिद्ध की कविताएँ विभिन्न प्रतीकों के जरिए बहुत सी बातें कहती चली जाती हैं । समाज की विभिन्न गड़बड़ियों पर ध्यान ले जाना इन कविताओं की बड़ी विशेषता है । ‘नैहर का मोह छूटता नहीं’ कविता बरसात और नदी के रिश्ते को बताते हुए अचानक स्त्री जीवन …

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अक्षि मंच पर सौ सौ बिम्ब की समीक्षा

‘अक्षि मंच पर सौ सौ बिम्ब’ अल्पना मिश्र का यह उपन्यास हाल ही (2023 ई.) में  प्रकाशित हुआ है, जिसके केंद्र में है नीली, जिसके माध्यम से स्त्री-संघर्ष के विभिन्न रूप हमारे सामने आते हैं और पुन: यह बात स्पष्ट होती है कि पितृसत्ता एक ही है लेकिन उसके माध्यम …

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अनुकृति उपाध्याय से प्रभात रंजन की बातचीत

किसी के लिए भी अपनी लेखन-यात्रा को याद करना रोमांच से भरने वाला होता होगा । जब आप अपनी शुरुआती स्तर से कुछ दूर निकल आते हैं तब वहाँ से पीछे मुड़ कर देखना-सोचना अलग तरह के एहसास से भर देने वाला होता है, जब अपनी ही यात्रा एक-एक कर …

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