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समीक्षा

पुतिन की नफ़रत, एलेना का देशप्रेम

इस साल डाक्यूमेंट्री ‘20 डेज़ इन मारियुपोल’ को ऑस्कर दिया गया है। इसी बहाने रूसी पत्रकार एलेना कोस्त्युचेंको की किताब ‘आई लव रशिया : रिपोर्टिंग फ्रॉम अ लॉस्ट कंट्री’ पर यह लेख लिखा है जाने माने कलाकार-लेखक रवींद्र व्यास ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ============================== सत्ता में बने रहने …

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‘बेहयाई के बहत्तर दिन’ और यतीश कुमार

बरसों पहले प्रमोद सिंह की एक किताब आई थी ‘अजाने मेलों में’। उनकी भाषा, उनकी शैली ने सबको प्रभावित किया था। अब उनकी किताब आई है ‘बेहयाई के बहत्तर दिन’। हिन्द युग्म से प्रकाशित इस किताब पर कवि-लेखक यतीश कुमार की समीक्षा पढ़िए- ============================================ लेखक की कलम पहले ही पन्ने में …

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आत्मज: अप्प पिता भव !

प्रसिद्ध कवि विनय कुमार के काव्य नाटक ‘आत्मज’ पर यह टिप्पणी लिखी है हिन्दी की वरिष्ठ लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ========================== छोटे से कलेवर की किताब है आत्मज, जो एक काव्य नाटक है। ऐसी विधा जिसे विलुप्त होते-होते मानो जीवन दान दिया हो, विनय कुमार …

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         मानव जीवन की परतें खोलतीं ‘फटी हथेलियाँ’

आज पढ़िए नेहा नरुका के कविता संग्रह ‘फटी हथेलियाँ’ पर यह विस्तृत टिप्पणी, लिखा है युवा लेखिका अनु रंजनी ने। यह संग्रह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है- ======================== यदि कोई स्त्री, स्त्री अधिकारों, उसके संघर्षों की बात करे तो बहुत आसानी से उस पर पक्षपात का आरोप लगा दिया जाता …

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छोटे-छोटे प्रसंगों की बड़ी कविताएँ

देवेश पथ सारिया को उनके कविता संग्रह ‘नूह की नाव’ के लिए युवा कविता का प्रतिष्ठित भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार दिया गया है। आइये इस कविता संग्रह की समीक्षा पढ़ते हैं। लिखी है महेश कुमार ने जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध छात्र हैं- ================ देवेश पथ सारिया हिंदी के युवा …

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     ज़िंदगी की व्यापकता से राब्ता: इन्तज़ार में ‘आ’ की मात्रा

युवा कवि नवीन रांगियाल के कविता संग्रह ‘इंतज़ार में ‘आ’ की मात्रा’ की विस्तृत समीक्षा की है युवा शोधार्थी अनु रंजनी  ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ===================         “इन्तज़ार में ‘आ’ की मात्रा” नवीन रांगियाल का पहला काव्य-संग्रह है। इनकी कविताएँ तीन श्रेणियों में विभाजित हैं – ‘प्रेम’ , …

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आउशवित्ज़- एक प्रेम कथा: प्रेम कथाओं की धारा

गरिमा श्रीवास्तव के चर्चित उपन्यास ‘आउशवित्ज़- एक प्रेम कथा‘ पर पढ़िए कवि-समीक्षक यतीश कुमार की यह विस्तृत टिप्पणी। युद्ध के इस दौर में प्रेम के आख्यान पर यतीश कुमार ने खूब लिखा है। उपन्यास का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हुआ है- ================== दूसरों को सँभालने से मुश्किल होता है ख़ुद …

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विपाशा का कविता अंक: हिमाचल के साहित्यिक इतिहास की झलक

  हिमाचल प्रदेश के भाषा एवं संस्कृति विभाग की पत्रिका विपाशा का ताजा अंक  (अप्रैल – अगस्त 2022) हिमाचल की हिंदी कविता पर केंद्रित है। अजेय द्वारा संपादित इस अंक को पढ़कर उसके ऊपर टिप्पणी की है युवा लेखक प्रमोद रंजन ने। आप भी पढ़ सकते हैं-  ====================== हिमाचल प्रदेश …

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   पुरानी देह से नया परिचय कराती ‘एवरीथिंग नोबडी टेल्स यू अबाउट योर बॉडी’

अभी हाल ही में डॉ.तनाया नगेंद्र ( डॉ. क्यूटरस के नाम से प्रसिद्ध) की किताब आई है ‘tanaya ‘। पेंग्विन से प्रकाशित इस किताब में मुख्यत: स्त्री-पुरुषों के प्रजनन संबंधी अंगों से जुड़ी नई व्याख्या प्रस्तुत की गई है। इसके साथ ही इन सब से जुड़ कई मिथों को तोड़ने …

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धीरेंद्र अस्थाना की आत्मकथा पर यतीश कुमार की टिप्पणी

प्रसिद्ध लेखक धीरेंद्र अस्थाना की आत्मकथा को आए कई साल हुए लेकिन अभी उसकी चर्चा मंद नहीं पड़ी है। आज कवि-समीक्षक यतीश कुमार ने राजकमल से प्रकाशित उनकी आत्मकथा ‘ज़िंदगी का क्या किया’ पर यह टिप्पणी लिखी है। और हाँ, यतीश कुमार काव्यात्मक समीक्षाएँ ही नहीं गद्य भी अच्छा लिखते …

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