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कथा-कहानी

उपासना झा की कहानी ‘अब जब भी आओगे’

पिछले कुछ समय में उपासना झा की कविताओं, कहानियों ने हिंदी के पाठकों, लेखकों, आलोचकों सभी को समान रूप से आकर्षित किया है. आज उनकी एक छोटी सी कहानी- मॉडरेटर =================================== लड़की चुपचाप डूबते सूरज की ओर मुंह किये बैठी थी। उसकी नाक की नोक लाल हो गयी थी। ठंड …

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रस्किन बांड और मसूरी के सेवॉय होटल के भूत

कल मैंने फेसबुक पर भूतों से अपने डर की बात लिखी थी. उसमें मैंने रस्किन बांड का जिक्र किया था. मसूरी में रहने वाले इस लेखक ने भूतों के अपनी मुलाकातों के बारे में खूब लिखा है. अभी हाल में ही उनकी एक किताब मिली हिंदी अनुवाद में ‘अजब गजब …

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70 साल का हुआ बाबा नागार्जुन का उपन्यास ‘रतिनाथ की चाची’

इधर इस बात पर ध्यान गया कि बाबा नागार्जुन के उपन्यास ‘रतिनाथ की चाची’ के लेखन का यह 70 वां साल है. इस उपन्यास के तीसरे संस्करण की भूमिका में नागार्जुन ने स्वयं यह लिखा है कि इसका रचनाकाल 1947 था. मुझे आज भी यह बात समझ में नहीं आई …

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अजय नावरिया की कहानी ‘विखंडन’

अजय नावरिया समकालीन हिंदी के उन लेखकों में हैं जिन्होंने हिंदी लेखन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी. मुझे एक संस्मरण याद आ रहा है. एक बार नॉर्वे की एक युवा लेखिका भारत आई. वह ‘जानकी पुल’ की पाठिका थी. उसके साथ ईमेल से बातचीत भी होती थी. दिल्ली आने के बाद …

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वंदना राग की ‘रीगल स्टोरी’

रीगल सिनेमा बंद हो गया. हम सबके अंतस में न जाने कितनी यादों के निशाँ मिट गए. इसी सिनेमा हॉल के बाहर हम तीन दिन लाइन में लगे थे ‘माया मेमसाहब’ की टिकट के लिए. तब भी नहीं मिली थी. फिल्म फेस्टिवल चल रहा था. हम डीयू में पढने वालों …

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महादेवी वर्मा की एक क्यूट कहानी ‘नीलू कुत्ता’

एक बार पेरू देश के लेखक कार्लोस एरिगोवन ने मुझे यह कहकर चौंका दिया था कि महादेवी वर्मा का लेखन एक तरह से भारतीय जीवन दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने कहा कि उनकी पुस्तक ‘मेरा परिवार’ इस मामले में एक आदर्श पुस्तक है क्योंकि इसमें पशु पक्षियों के साथ …

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अथ ‘ब्रह्मोद्य’ प्रश्नोत्तरी उपाख्यान: मृणाल पाण्डे की कथा श्रृंखला का उपसंहार                                         

जानी-मानी लेखिका मृणाल पाण्डे की कथा श्रृंखला हम पढ़ रहे थे. संस्कृत कथाओं की याद दिलाती हुई इस कथा में हीरामन तोता भी था, हिमुली देवी भी. लेकिन समकालीन जीवन, समाज, राजनीति की कथाएं इससे निकलती जा रही थीं. लेकिन हर कथा की तरह इस कथा का भी अंत हो …

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शेषनाथ पांडेय की कहानी ‘तारीख़’

हिंदी के कई लेखक ऐसे हैं, जो कविता और कहानी दोनों विधाओं में समान अधिकार के साथ लिखते हैं। उनमें एक नाम शेषनाथ पांडेय है। साहित्य से इतर शेषनाथ, फ़िल्म/टीवी के लिए पटकथा भी लिखते हैं। फ़िलहाल मुबई में रहते हैं और दोस्तों के बीच अपनी दिलदारी के लिए बेहद …

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निर्मल वर्मा की कहानी ‘कव्वे और काला पानी’

आज गूगल ने बताया कि स्टोरीटेलिंग डे है. मुझे निर्मल वर्मा की कहानी याद आई- ‘कव्वे और काला पानी‘. असल में इस कहानी के याद आने का सन्दर्भ है. दो दिनों से संन्यास को लेकर बड़ी चर्चा है. इस कहानी को लेकर भी संन्यास को लेकर बहस हुई थी. आलोचक …

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मृणाल पांडे की कथा श्रृंखला ‘अथ वणिक रत्नसेन प्रबंध-4’

हिमुली की कथा क्या शुरू हुई कि कथा से कथा जुड़ती चली गई. यही प्राचीन कथा परम्परा की विशेषता है. मृणाल पांडे की यह कथा श्रृंखला अपने अंत की ओर बढ़ रही है लेकिन रोचकता अभी भी बरकरार है. पढ़कर बताइए- मॉडरेटर ======= श्रेष्ठि कन्या दंभिनी के जाने के बाद …

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