नीरज पाण्डेय की कविताओं का स्वर समकालीन कविताओं में सबसे अलग है. इसीलिए वे मेरे पसंदीदा कवियों में एक हैं. बहुत कम लिखते हैं लेकिन जैसे आत्मा की स्याही से लिखते हैं. कविताओं को यही ‘आत्म’ विश्वसनीय बनाता है. आज उनकी छः नई कविताएँ- प्रभात रंजन १.क्रांति दो पत्थर टकराये …
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