गत रविवार जमशेदपुर में विकास कुमार झा के उपन्यास पर चर्चा हुई. उसी की रपट भेजी है विजय शर्मा ने- आज जैसी जीवन्त, सार्थक अनौपचारिक साहित्यिक गोष्ठी शायद ही पहले कभी हुई हो। ‘सृजन संवाद’ में सबसे पहले तो डॉ. भास्कर राव ने अपनी बदरीनाथ-केदारनाथ की यात्रा के संस्मरण …
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