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Tag Archives: बिसात पर जुगनू

नक्शे, सरहदें, शांति,  लघु जीवन और कला की एकरूपता से सजी है ‘बिसात पर जुगनू’

वंदना राग के उपन्यास ‘बिसात पर जुगनू’ पर यह टिप्पणी राजीव कुमार की ने लिखी है। उपन्यास राजकमल से प्रकाशित है- =============== “हम सब इत्तिहाद से बने हैं। हम सबमें एक दूसरे का कोई ना कोई हिस्सा है। इंसान इस सच से रू – ब – रू हो जाए तो …

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वंदना राग के उपन्यास ‘बिसात पर जुगनू’ का एक अंश

वंदना राग के उपन्यास ‘बिसात पर जुगनू’ को मैंने पूरा पढ़ लिया है तो आपको कम से कम एक अंश पढ़वाने का फ़र्ज़ तो बनता ही है। अगर राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास का अंश पसंद आए तो कल इस उपन्यास पर आयोजित कार्यक्रम में भी ज़रूर पधारिएगा- प्रभात …

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