क्या उन्नीसवीं सदी को लेकर हिंदी साहित्य का जो विमर्श है वह इतना अधिक भारतेंदु हरिश्चन्द्र केंद्रित है कि अनेक लेखकों की उपेक्षा हुई? ख़ासकर लेखिकाओं की? युवा अध्येता सुरेश कुमार के इस शोधपरक लेख में पढ़िए- ===================== हिन्दी साहित्य में विमर्श के बिंदु भारतेन्दु की आभा के इर्द गिर्द …
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