पंकज दुबे उन लेखकों में हैं जिन्होंने दो भाषाओं में लिखना शुरू किया। जिस जमाने में जब विनर की कहानियाँ लिख रहे थे उन्होंने ‘लूज़र कहीं का’ का लिखा, उसके बाद उन्होंने हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में कुछ और उपन्यास लिखे और जिनको पाठकों का प्यार भी मिला। उनका …
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