80-90 के दशक में कुंवर नारायण विश्व सिनेमा पर दिनमान, सारिका और बाद में नवभारत टाइम्स में लिखा करते थे. अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में दिखाई गई फिल्मों पर. उन्होंने उस गूगलविहीन दौर में एक पीढ़ी को विश्व सिनेमा से परिचित करवाया. हाल में ही राजकमल प्रकाशन से उनकी किताब आई …
Read More »लेखक समाज और जनता का चौकीदार होता है
कुंवर नारायण के किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है. ८० पार की उम्र हो गई है लेकिन साहित्य-साधना उनके लिए आज भी पहली प्राथमिकता है. भारत में साहित्य के सबसे बड़े पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजे जा चुके इस लेखक से शशिकांत ने बातचीत की. प्रस्तुत है आपके लिए- जानकी …
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