डा॰ नामवर सिंह हिंदी साहित्य के शीर्षस्थ आलोचक माने जाते हैं। हिंदी ही नहीं, संपूर्ण भारतवर्ष में लोग इनके असाधारण ज्ञान, विलक्षण तर्कशक्ति और अद्भुत वाक्पटुता का लोहा मानते रहे हैं। डा॰ सिंह ही वो आलोचक हैं, जिन्होंने आलोचना जैसी विधा को एक लोकप्रिय विधा का दर्जा दिलाया। आलोचना …
Read More »‘न’ पर ‘आ’ की मात्रा ‘ना’!
हाल में ही नामवर सिंह की जीवनी आई थी ‘अनल पाखी’, जिसके लेखक हैं युवा लेखक अंकित नरवाल। आज नामवर जी की जयंती पर पढ़िए इस जीवनी का पहला अध्याय जो उनके शुरुआती जीवन को लेकर है- ============================== जीवनारंभ… जन्म को मिला ‘जीयनपुर’ कैसा था यह जीवन? बनारस की आबोहवा …
Read More »नामवर सिंह की नई किताब है ‘द्वाभा’
जीते जी किंवदंती बन चुके नामवर सिंह की नई किताब आ रही है ‘द्वाभा’. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब के बारे में पढ़िए- मॉडरेटर =================================== नामवर सिंह अब एक विशिष्ट शख्सियत की देहरी लाँघकर एक लिविंग ‘लीजेंड’ हो चुके हैं। तमाम तरह के विवादों, आरोपों और विरोध के साथ असंख्य लोगों की …
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