आज नरेश जैन की कहानी पढ़िए। वे पेशे से अध्यापक रहे हैं। उनकी यह कहानी में ग्रामीण समाज का यथार्थ है जो आज भी प्रासंगिक है- ================================ सारा गाँव उसे जमुनिया वाली के नाम से पुकारता है. उसका मायका जमुनिया में है और ससुराल अभी …
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