कुछ साल पहले रबिशंकर बल के उपन्यास ‘दोजख्ननामा’ का हिंदी अनुवाद आया था. उपन्यास में मंटो और ग़ालिब अपनी अपनी कब्रों से एक दूसरे को अपने अपने जीवन की दास्तान सुना रहे हैं. आज मंटो के जन्मदिन के मौके उसी उपन्यास से मंटो का एक बयान- मॉडरेटर ======================= मिर्ज़ा साहब, …
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