हृषीकेश सुलभ के छठे कहानी संग्रह ‘हलंत’ की कहानियों को पढ़ते हुए यह मैंने लिखा है- प्रभात रंजन ==== ==== हृषीकेश सुलभ की कहानियों का छठा संग्रह ‘हलंत’ पढ़ते हुए बार बार इस बात का ध्यान आया कि संभवतः वे हिंदी के अकेले समकालीन कथाकार हैं जिनकी कहानियों का कंटेंट …
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